Tuesday, January 31, 2023
What Is SEO -Search engine optimization Learn the fundamental of SEO
Saturday, October 8, 2022
सफलता पाने के चार मूल मंत्र, क्या आप में हैं ये चारो गुण ?
Success Mantra:
सफलता वह है जो हम सभी का पीछा करते हैं। इसे एक दौड़ में सभी मनुष्यों को मिला है। इसे किसी भी कीमत पर प्राप्त करने के लिए हर प्रतिकूलता का सामना करना पड़ेगा
सफलता के जीवन में उतार-चढ़ाव का हिस्सा है, लेकिन आपको बहुत संघर्ष करना होगा और प्रयास करना होगा, यह आपको वह बनाता है जो आप होने का सपना देखते हैं, यह आपको कई चीजें देता है जिन्हें आप देखकर प्रसन्न होते हैं।
सफलता कमजोर लोगों के लिए नहीं है, जो कुछ भी करने को तैयार नहीं हैं, जो वे चाहते हैं उसे प्राप्त करने के लिए, लेकिन वे सिर्फ बैठना चाहते हैं, और खाना और सोना चाहते हैं, और अगली सुबह के सा
सफलता केवल वही है जो मनुष्य को शांति और संतुष्टि देती है यदि आपके लक्ष्य आपके मानसिक स्वास्थ्य को बर्बाद कर रहे हैं तो शायद आपको उन्हें प्यार और सुंदरता की तलाश करनी चाहिए और प्रकाश भौतिकवादी फोनी प्रसन्न की तलाश न करें
मैं पुरुष तुम नारी बन जाओ
हिन्दी कविता (Hindi Poem):-
आज मैं ऑफिस जाऊं
तुम घर की रोटियां बनाओ
आज मैं भी देर से जागूं गी भोर में
आज मुझसे पहले तुम जल्दी उठ जाओ
मैं पुरुष तुम नारी बन जाओ
तुम्हारे कपडे पहनकर मैं घर से निकलूगी
आज तुम साड़ी पहनकर जरा घर में झाड़ू पोछा तो लगाओ
अक्सर मुझसे देर हो जाती है बच्चों को स्कूल पहुंचाने में
आज हो सके तो बच्चों को जल्दी स्कूल तुम पहुंचाओ
मैं पुरुष तुम नारी बन जाओ
अक्सर मुझसे तुम कहते हो तुमको तो घर में रहकर ही घर का
काम करना है
मुझको तो बाहर जाना है चार बात अफसर की सुनना है तब
कहीं जाकर घर लौट सकून की रोटी खाना है
आज मैं भी घर लौट कर सकून की रोटी खाऊंगी
तुम्हारी जो तकलीफें हैं उनको मैं भी सहूंगी और आज उनसे मैं
भी जद्दोजहद करके घर लौट कर आऊंगी
मैं पुरुष तुम नारी बन जाओ
तुम आज घर में रहकर मेरे लिए खूब सारे पकवान बनाना
बच्चों के कपड़े धोना अम्मा के पैर दबाना
अम्मा की किचकिच सुनकर उनकी बातों को अनसुना करके
चले आना
बच्चों को बैठकर थोड़ी देर पढ़ा देना थोड़ा सा अपना रोब मां
की तरह तुम भी उन पर जता देना
मैं पुरुष तुम नारी बन जाओ
मैं घर आऊं तुम मुझको देखकर मुस्कुराओ
एक कप चाय का प्याला सांग मे बिस्किट नमकीन भी ले आओ
मैं भी तुमको गुस्से में कहूं कि पहले पानी दिया जाता है
ऑफिस से आते ही क्या गरम चाय ही पहले पिया जाता है
आज मैं भी तुम पर गुस्सा दिखाऊंगी तुम्हारे संग तू तू मैंकरूंगी फिर तुम पर प्यार लुटाऊंगी
मैं तुम्हारे हर कष्ट को जानती हूं तुम्हारे द्वारा किए जाने वाले
मेहनत को भी पहचानती हूं
आज तुमको भी मेरी मेहनत को पहचानना है क्या कष्ट मुझको
होता है यह तुमको भी जानना है
मैं पुरुष तुम नारी बन जाओ।
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